उत्तरकाशीउत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसाउत्तराखंडसामाजिक

आश्वासन, भरोसा, उम्मीद और हौसले से जीवन की जंग लड़ रहे श्रमिक

टनल में फंसे श्रमिकों और उनके परिजनों को बाहर आने का बेसब्री से इंतजार

देहरादून। पिछले एक पखवाड़े से ज्यादा समय से सिलक्यारा टनल में फंसे 41 श्रमिक सीएम से लेकर पीएम और विशेषज्ञों के आश्वासन, भरोसा और उम्मीदों के सहारे हौसला बनाए हुए हैं। श्रमिक और उनके परिजनों को उनके सुरक्षित बाहर आने का इंतजार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव डा. पीके मिश्रा व सचिव गृह मंत्रालय अजय भल्ला ने सिलक्यारा उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू आपेरशन की ग्राफिकल और मैपिंग के माध्यम से टनल की भौगोलिक स्थिति को समझा।

दीपावली के दिन 12 नवंबर को सुबह से ही ये श्रमिक टनल के भीतर फंसे हुए हैं। उनके लिए टनल के अंदर रहना कितना मुश्किल होगा, इसे आसानी से समझा जा सकता है। हालांकि केंद्र और राज्य सरकार और देश-विदेश की बड़ी टनल एजेसियों और विशेषज्ञों के परामर्श से चलाए जा रहे रेस्क्यू आपरेशन में सफलता नहीं मिल सकी है। मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री और उनके अधिकारी टनल में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने का बस आश्वासन और दिलासा दे रहे हैं। श्रमिकों से बात करके उन्हें हौसला भी दे रहे हैं। श्रमिकों के सामने भी हौसला बनाए रखने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार टनल में चल रहे रेस्क्यू आपरेशन का अपडेट ले रहे हैं। वे कई बार मुख्यमंत्री को फोन कर चुके हैं। अधिकारी भी रेस्क्यू आपरेशन की प्रगति की हर पल की रिपोर्ट पीएमओ भेज रहे हैं। सोमवार को प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव डॉ.पीके मिश्रा ने टनल के अंदर चल रहे रेस्क्यू कार्य की बारीकियों को समझा। उन्होंने अधिकारियों के साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे श्रमिको, इंजीनियरों से भी जानकारी ली।

प्रमुख सचिव डॉ.पीके मिश्रा ने ऑगर मशीन की ब्लेड एवं साफ्ट को काटने की प्रक्रिया में जुटे श्रमिकों टिंकू दुबे, अमित, शशिकांत, झारू राम, राधे रमण दुबे, ओम प्रकाश, एन.डी अहमद से बात कर उनका कुशलक्षेम जानते हुए उनका हौसला बढ़ाया और काम की सराहना की । उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अंदर फंसे श्रमिकों के साथ राहत बचाव कार्य में जुटे सभी लोगों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जाए। मिश्रा ने सुरंग के अंदर फँसे श्रमिकों के लिए भेजी जा रही भोजन सामग्री के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को भेजे जा रहे हैं भोजन की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। यह स्थिति श्रमिकों और उनके परिजनों के लिए सुखद हो सकती है।

प्रमुख सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने टनल में एसडीआरएफ द्वारा स्थापित ऑडियो कम्युनिकेशन सेटअप एवं बीएसएनएल द्वारा स्थापित टेलिफोनिक कम्युनिकेशन सिस्टम के माध्यम से अंदर फंसे श्रमिकों में से गब्बर सिंह एवं अन्य लोगों से वार्ता कर उनका हाल चाल जाना। उन्होंने श्रमिकों से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की बात कही। उन्होंने श्रमिकों से खाने पीने बिजली पानी की आपूर्ति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा रेस्क्यू ऑपरेशन कई मोर्चों पर कार्य चल रहा है। सभी को जल्द से जल्द निकाले जाने की कोशिश जारी है।

प्रमुख सचिव डॉ.पीके मिश्रा ने टनल में फंसे श्रमिकों के परिजनों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के परिजनों के साथ ही पूरा देश उनके शीघ्र और सुरक्षित निकाले जाने की दुआ कर रहा है। उन्होंने कहा पूरे देश की दुआएं अंदर फंसे श्रमिकों के साथ है। परिजनों को हौसला बनाए रखना होगा। सरकार हर स्थिति पर श्रमिकों के परिजनों के साथ खड़ी है।

सचिव उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि पाइप में फंसे ऑगर मशीन की ब्लेड एवं साफ्ट को काटने का कार्य पूरा कर लिया गया है। ऑगर मशीन के हेड को निकालने का कार्य जारी है। जिसके लिए 1 मीटर पाइप भी काटा का चुका है। आगे का कार्य मैन्युअली किया जाएगा।

अपर सचिव (सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार) एवं एम.डी (एनएचआईडीसीएल) महमूद अहमद ने बताया कि वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य तेजी से चल रहा है। अब तक 30 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग कर ली गई है। आगे का कार्य भी पूरी तेज़ी एवं सावधानी से किया जा रहा है।

इस दौरान प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस संधु, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय( भारत सरकार) के सचिव अनुराग जैन, एमडी एनएचआईडीसीएल महमूद अहमद, सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, पीएमओ उप सचिव मंगेश घिल्डियाल, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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