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मौसम का अलर्ट, सेना की इंजीनियर्स कोर टीम करेगी बचाव में सहयोग

टनल में फंसे श्रमिकों को नहीं निकालने में अभी लग सकता है और समय

उत्तरकाशी। देश-विदेश के तमाम नामी टनल विशेषज्ञों के परामर्श और देखरेख में चलाए जा रहे सिलक्यारा में टनल में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू आपरेशन को अभी कामयाबी मिलने में वक्त लगेगा। लेकिन इस बीच अब भारतीय सेना की कोर आफ इंजीनियर्स के समूह मद्रास सैपर्स की एक टीम भी वहां श्रमिकों को बचाव कार्यों में सहायता के लिए पहुंच गई है। दूसरी ओर मौसम विभाग ने उत्तराखंड में तीन दिन मौसम अलर्ट किया है। यदि मौसम खराब हुआ तो बचाव कार्य में नई बाधा खड़ी होने का आशंका है।

सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को सुंरग के भीतर 15 दिन से ज्यादा का समय हो गया है। रेस्क्यू आपरेशन में कई तरह की बाधाएं आ रही हैं। पहले अमेरिकी तकनीकि पर आधारित हाई पावर ड्रिलिंग आगर मशीन के जरिए मलबे में 800 एमएमे का पाइप डालने का प्रयास किया गया। लेकिन यह मशीन भी तकनीकि खराबी और वहां फंसने के कारण बंद हो गई। इसका वजह से बचाव दल को आगर मशीन को छोड़कर वर्टिकल ड्रिल पर फोकस करना पड़ा। काफी प्रयास के बाद रविवार दोपहर में सुरंग के ऊपर से वर्टिकल डिलिंग का काम शुरू हो सका। दूसरी ओर बड़कोट की ओर से भी सुरंग को खोलने का प्रयास चल रहा है।

सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन के संबंध में रविवार को देर शाम सचिव उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि पाइप में फंसे ऑगर मशीन की ब्लेड एवं साफ्ट को काटने का कार्य जारी है। उन्होंने बताया पाइप से अब 8.15 मीटर के ऑगर मशीन की ब्लेड एवं साफ्ट के हिस्से को निकाला जाना बाकी है।

अपर सचिव (सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार) एवं एम.डी (एनएचआईडीसीएल) महमूद अहमद ने बताया कि वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने बताया अब तक 19.2 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग कर ली गई है। आगे का कार्य भी पूरी तेज़ी एवं सावधानी से किया जा रहा है।

 

 

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