शहीदों के परिवारों की हर संभव सहायता कर रही शहीद समरसता मिशन उत्तराखंड में भी कार्य करेगी
शहीद समरसता मिशन के संस्थापक मोहन नारायण ने राज्यपाल गुरमीत सिंह से की मुलाकात
राजभवन देहरादून। शहीदों के परिवारों को हर संभव सहायता के उद्देश्य से स्थापित शहीद समरसता मिशन उत्तराखंड में कार्य करने जा रही है। इसको लेकर मिशन के संस्थापक मोहन नारायण ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) से राजभवन में मुलाकात की।
शहीद समरसता मिशन के संस्थापक मोहन नारायण का कहना है कि संस्था वर्ष 2007 से शहीदों के आश्रितों के उत्थान और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने का कार्य कर रही है। इसके अलावा संस्था का कार्य जरूरतमंद शहीद परिवारों को आवास बनाने में मदद, वीर नारियों को राजकीय सहायता दिलाने तथा उनकी शिक्षा एवं स्वास्थ्य से संबंधित चुनौतियों में सहायता करना है। इसके साथ-साथ संस्था द्वारा राष्ट्र शक्ति स्थल बनाया जाता है जिसमें शहीद के नाम का द्वार और प्रतिमा स्थापित की जाती है। संस्था 10 राज्यों में कार्यरत है।
संस्थापक श्री मोहन नारायण ने बताया कि उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है और यहां के जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान देश सेवा में दिया है। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवारों की हर संभव सहायता करने के लिए शहीद समरसता मिशन उत्तराखंड में भी कार्य करने जा रही है।
राज्यपाल ने कहा कि वे स्वयं शहीद समरसता मिशन के संरक्षक हैं। उन्होंने संस्था के कार्यों को करीब से देखा है। उन्होंने कहा कि सैन्य भूमि उत्तराखंड में लगभग प्रत्येक परिवार देश की सेवा कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सैन्य बाहुल्य प्रदेश है और यहां 16 सौ से अधिक जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान देश के लिए दिया है। उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा उत्तराखंड में कार्य किया जाना सराहनीय सोच है। उन्होंने कहा देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों के परिवारों की देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी है। राजकीय सहायता के अलावा सामाजिक आंदोलन और इस प्रकार की संस्थाओं का आगे आना जरूरी है। इस मुलाकात के दौरान निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर अमृत लाल(रि.) और कर्नल सुमित सूद भी मौजूद रहे।