उत्तराखंडधार्मिकनैनीतालसामाजिक

वंदे भारत ट्रेन का संचालन देहरादून से अयोध्या के बीच शुरू करने का आग्रह

22 जनवरी को दीप जलाकर भगवान राम का गुणगान कर दीपोत्सव मनाएं

हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आगामी 22 जनवरी को रामलला अयोध्या में विराजमान होने जा रहे हैं और यह ऐसा अवसर है, जिसके लिए हमने वर्षों इंतजार किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक सौ चालीस करोड़ देशवासियों को रामोत्सव मनाने का सुअवसर प्रदान किया है। उन्होंने सभी से 22 जनवरी को दीप जलाकर भगवान राम का गुणगान कर दीपोत्सव मनाने की अपेक्षा की। कहा कि हमने रामभक्तों की आस्था का ध्यान रखते हुए एक ओर जहां रेल मंत्री से वंदे भारत ट्रेन का संचालन देहरादून से अयोध्याजी के मध्य करने का आग्रह किया है, वहीं दूसरी ओर उड्डयन मंत्री से जौलीग्रांट से अयोध्याजी के मध्य हेली सेवा भी शुरू करने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी और देहरादून से अयोध्याजी के लिए बस का संचालन प्रारंभ किया गया हैं। ये सब भगवान श्रीराम जी की ही कृपा है जो वे आज मुख्य सेवक के रूप में प्रदेश की जनता की सेवा करने में समर्थ हो सके हैं। और इसी प्रकार आप सभी की सेवा करने की प्रेरणा प्रदान करने के लिये भगवान श्रीराम से मेरी प्रार्थना है। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को हल्द्वानी में आयोजित रामोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कही।

उत्तराखंड से है भगवान श्रीराम का अटूट नाता-मुख्यमंत्री

हल्द्वानी। प्रभु श्री राम का उत्तराखंड से अटूट नाता रहा है। भगवान श्री राम के पिता और महाराज दशरथ ने संतान प्राप्ति के लिए जिस सरयू नदी के किनारे अनुष्ठान किया था, उस सरयू नदी का उदगम स्थल बागेश्वर जिले में है। लंका दहन के बाद जब अयोध्या लौटे और मर्यादा पुरूषोत्तम राजा रामचंद्र बने तब अहंकारी रावण वध को तारने के लिए देवप्रयाग के रघुनाथ मंदिर में पितृ यज्ञ किया था। मुख्यमंत्री ने कहा राम देश की आत्मा है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि अयोध्या में आजकल रामलीला का मंचन हो रहा है ,वह देवभूमि के कलाकारों द्वारा किया जा रहा है। स्वयं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ स्वीकार कर चुके है की देश की सर्वश्रेष्ठ रामलीला उत्तराखंड की है।

प्रभु श्रीराम हमारे आदर्श हैं जिनकी सभी लीलाएँ मानव जीवन में अनुकरणीय हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम की महिमा अपरंपार है। राम महर्षि बाल्मीकि के भी हैं। राम केवट के भी हैं। राम शबरी के भी हैं। राम निषादराज के भी ,राम विभीषण के भी हैं, राम सुग्रीव और हनुमान के भी हैं। राम आपके भी हैं, राम हमारे भी हैं….राम सबके हैं….इसीलिए वे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम हैं। प्रभु श्रीराम हमारे आदर्श हैं जिनकी सभी लीलाएँ मानव जीवन में अनुकरणीय हैं। स्वयं ब्रह्म स्वरूप होते हुए भी उन्होंने मानव रूप में हम सभी के लिए अवतार लिया, और सच्चरित्र मनुष्य का जीवन कैसा होना चाहिए, इसका उदाहरण प्रस्तुत किया। भगवान राम के लिए बस यही कह सकता हूं कि राम देश की आत्मा, सम्मान, अभिनन्दन, उपासना है, संवाद और संवेदना है, राम देश के हैं और देश राम का है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button