देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिथौरागढ़ जिले के विकास के लिए 4200 करोड़ की सौगात दी है। प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा पर उत्तराखंड के लोगों के अभूतपूर्व प्यार, स्नेह और आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त किया और कहा, “यह स्नेह की गंगा बहने की तरह था।”
श्री मोदी ने अध्यात्म और वीरता की भूमि विशेषकर साहसी माताओं को नमन किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बैद्यनाथ धाम में जय बद्री विशाल के उद्घोष से गढ़वाल राइफल्स के जवानों का जोश और उत्साह बढ़ता है और गंगोलीहाट के काली मंदिर में घंटियों की ध्वनि कुमाऊं रेजिमेंट के जवानों में नए साहस का संचार करती है।
मानसखंड में प्रधानमंत्री ने बैद्यनाथ, नंदादेवी, पूर्णागिरी, कसारदेवी, कैंचीधाम, कटारमल, नानकमत्ता, रीठा साहिब और अनेक मंदिरों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जब भी वह उत्तराखंड में आते हैं तो अपने को धन्य समझते हैं। उन्होंने कहा कि पार्वती कुंड में पूजा कर उन्होंने प्रत्येक भारतीय के अच्छे स्वास्थ्य और विकसित भारत की मजबूती का संकल्प लेते हुए प्रार्थना की।
चंपावत अद्धैत आश्रम में आने की इच्छा जताई मोदी ने
प्रधानमंत्री ने कहा, “उत्तराखंड में, हर गांव में गंगा और गंगोत्री हैं। भगवान शिव और नंदा यहां की बर्फ की चोटियों पर निवास करते हैं।” उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मेले, कौथिग, थौल, गीत, संगीत और खान-पान की अपनी अनूठी पहचान है और यह भूमि पांडव नृत्य, छोलिया नृत्य, मांगल गीत, फूलदेई, हरेला, बग्वाल और रम्माण जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों से समृद्ध है। उन्होंने इस भूमि के विभिन्न व्यंजनों के बारे में भी बात की और अरसे, झंगोरे की खीर, काफुली, पकौड़े, रायता, अल्मोडा की बाल मिठाई और सिंगोरी का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने काली गंगा की भूमि और चंपावत स्थित अद्वैत आश्रम के साथ अपने आजीवन संबंधों को भी याद किया। उन्होंने जल्द ही चंपावत के अद्वैत आश्रम में समय बिताने की इच्छा भी जताई।
आपदाओं से निपटने को 4 हजार करोड़ खर्च करेंगे
उत्तराखंड की आपदाग्रस्त होने की प्रकृति को स्वीकार करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले 4-5 वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारी के लिए विभिन्न परियोजनाओं पर 4000 करोड़ रुपये खर्च किए जायेंगे। उन्होंने कहा, “’उत्तराखंड में ऐसी सुविधाएं निर्मित की जायेंगी ताकि आपदा की स्थिति में राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा सके।”
पांच साल में 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए
प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 5 वर्षों में 13.5 करोड़ से अधिक भारतीय गरीबी के दुष्चक्र से बाहर आए हैं। इसके लिए उन्होंने सरकार के सर्व-समावेशी दृष्टिकोण को श्रेय दिया, जिसके तहत दूरदराज के स्थानों में रहने वाले लोगों को भी सरकारी लाभ मिलता है। भारत अपनी क्षमता से ही देश की गरीबी को खत्म कर सकता है।
प्रधानमंत्री द्वारा जिन परियोजनाओं का उद्घाटन व राष्ट्र को समर्पित किया गया उनमें पीएमजीएसवाई के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित 76 ग्रामीण सड़कें और 25 पुल; 9 जिलों में बीडीओ कार्यालयों के 15 भवन; केंद्रीय सड़क निधि के तहत निर्मित तीन सड़कों यानी कौसानी बागेश्वर रोड, धारी-दौबा-गिरिछीना रोड और नगला-किच्छा रोड का उन्नयन; राष्ट्रीय राजमार्गों पर दो सड़कों यानी अल्मोडा पेटशाल – पनुवानौला – दन्या (एनएच 309बी) और टनकपुर – चल्थी (एनएच 125) का उन्नयन; पेयजल से संबंधित तीन परियोजनाएं यानी 38 पंपिंग पेयजल योजनाएं, 419 गुरुत्वाकर्षण पर आधारित जलापूर्ति योजनाएं और तीन ट्यूबवेल आधारित जल आपूर्ति योजनाएं; पिथोरागढ़ में थरकोट कृत्रिम झील; 132 केवी पिथौरागढ-लोहाघाट (चंपावत) पावर ट्रांसमिशन लाइन; उत्तराखंड में 39 पुल और विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित उत्तराखंड आपदा रिकवरी परियोजना के तहत देहरादून में बनाई गई उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की इमारत शामिल हैं।
जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें 21,398 पॉली-हाउस के निर्माण की योजना, जिससे फूलों एवं सब्जियों के उत्पादन को बढ़ाने और उनकी गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी; उच्च घनत्व वाले सघन सेब के बगीचों की खेती के लिए एक योजना; राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) के उन्नयन के लिए पांच परियोजनाएं; राज्य में आपदा तैयारियों और सुदृढ़ता के लिए कई कदम यानी पुलों का निर्माण, देहरादून में स्थित राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र का उन्नयन, बलियानाला व नैनीताल में भूस्खलन की रोकथाम के लिए कदम तथा आग, स्वास्थ्य एवं वन से संबंधित अन्य बुनियादी ढांचे में सुधार; राज्य भर के 20 मॉडल डिग्री कॉलेजों में छात्रावास एवं कंप्यूटर लैब का विकास; अल्मोडा के सोमेश्वर में 100 बिस्तरों वाला उप जिला अस्पताल; चंपावत में 50 बिस्तरों वाला अस्पताल ब्लॉक; नैनीताल के हल्दवानी स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान; रुद्रपुर में वेलोड्रोम स्टेडियम; जागेश्वर धाम (अल्मोड़ा), हाट कालिका (पिथौरागढ़) और नैना देवी (नैनीताल) मंदिरों सहित विभिन्न मंदिरों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना शामिल हैं।