लोकसभा चुनाव में कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस रहेगी ज्यादा मुस्तैद
उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश के अधिकारियो एवं प्रदेश के दोनों परिक्षेत्र व सीमावर्ती जनपद प्रभारियों के साथ समन्वय गोष्ठी
देहरादून। अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड श्री ए0पी0 अंशुमान, की अध्यक्षता में आगामी लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2024 के दृष्टिगत अन्तर्राज्यीय सीमाओं के जनपदों से लगे उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश के अधिकारियो एवं प्रदेश के दोनों परिक्षेत्र व सीमावर्ती जनपद प्रभारियों के साथ समन्वय गोष्ठी आयोजित की गयी ।
गोष्ठी में अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था/राज्य पुलिस नोडल अधिकारी, निर्वाचन, उत्तराखण्ड महोदय द्वारा पुलिस अधिकारियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 को निष्पक्ष एवं शान्तिपूर्ण रूप से सम्पन्न कराने, निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुपालन एवं सीमावर्ती राज्यों के साथ बेहतर समन्वय हेतु यह बैठक आयोजित की गयी है । निर्वाचन के दौरान हम सभी राज्यों की पुलिस आपस में समन्वय एवं एक-दूसरे का सहयोग कर निष्पक्ष और शान्तिपूर्ण चुनाव करायेंगे ।
पुलिस उप महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड सुश्री पी0 रेणुका देवी ने प्रस्तुतिकरण दिया, जिसमें उत्तराखण्ड के सीमावर्ती राज्यों के साथ लगी सीमा की जानकारी देते हुये गोष्ठी के एजेण्डा बिन्दुओं में सम्मिलित बॉर्डर चैक पोस्ट, फोर्स तैनाती, सी0सी0टी0वी0 कैमरों, Sensitive Routes की जानकारी देते हुये आपसी समन्वय पर जोर दिया गया।
गोष्ठी के दौरान महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विचार-विमर्श कर निम्नलिखित निर्णय लिये गयेः-
1- सभी सीमावर्ती जनपदों के प्रभारी लगातार आपस में समन्वय रखें । जनपद, थाना एवं चैकपोस्ट स्तर पर व्हट्स-अप ग्रुप के माध्यम से आपस में जुड़े रहें ।
2- अन्तर्राज्यीय बैरियरों पर सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाने, 24 घण्टे संयुक्त चैकिंग, आपसी समन्वय से फोर्स की तैनाती सहित सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान करने का निर्णय लिया गया ।
3- सीमावर्ती जनपदों के आपराधिक एवं असामाजिक तत्व जो चुनावी प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं, की सूची का आदान-प्रदान करते हुये उन पर निरोधात्मक कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया ।
4- अवैध मादक पदार्थ, शराब, शस्त्र एवं कैश की तस्करी को रोकने के लिये संयुक्त रणनीति बनाने पर चर्चा की गयी ।
5- निर्वाचन के दौरान साम्प्रदायिक तनाव, दुष्प्रचार फैलाने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर उन पर सतर्क दृष्टि रखने एवं सोशल मीडिया पर भी इस प्रकार के लोगों की हरकतों पर सतर्क दृष्टि रखने का निर्णय लिया गया ।
6- सीमावर्ती क्षेत्रों के ऐसे स्थान जहां पर वाहन अथवा पैदल पेट्रोलिंग सम्भव नहीं है वहां पर ड्रोन के माध्यम से संयुक्त निगरानी करने का निर्णय लिया गया ।
7- वन विभाग से समन्वय कर सीमावर्ती वन क्षेत्रों में भी संयुक्त पेट्रोलिंग करने का निर्णय लिया गया ।
8- सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेट फोर्मों पर सतर्क दृष्टि रखते हुये अफवाहों एवं कानून एवं शान्ति व्यवस्था प्रभावित करने वाली सूचनाओं का आपस में समय से आदान-प्रदान करने का निर्णय लिया गया ।
9- सीमावर्ती राज्यों पर थाने स्तर पर बॉर्डर मीटिंग आयोजित कर आपस में आपराधिक तत्वों एवं महत्वपूर्ण सूचनाओं के आदान-प्रदान करने का निर्णय लिया गया ।
10- वांछित, ईनामी आपराधियों की सूची का आदान-प्रदान करने का निर्णय लिया गया ।
बैठक में श्री अभिताभ यश, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तर प्रदेश, श्री डी0के0 ठाकुर, अपर पुलिस महानिदेशक, मेरठ परिक्षेत्र, श्री पी0सी0 मीना, अपर पुलिस महानिदेशक, बरेली परिक्षेत्र, उत्तर प्रदेश, श्री कृष्ण कुमार वी0के0, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस दूर संचार, श्री नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस महानिरीक्षक, पी0 एण्ड एम0, श्री करन सिंह नगन्याल, पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र, डॉ0 राकेश, पुलिस महानिरीक्षक, बरेली परिक्षेत्र, श्री अजय कुमार साहनी, पुलिस उप महानिरीक्षक, सहारनपुर उत्तर प्रदेश, श्री सुखवीर सिंह, पुलिस उप महानिरीक्षक, अभिसूचना, उत्तराखण्ड, श्री योगेश रोल्टा, अपर पुलिस अधीक्षक, सिरमौर हिमाचल प्रदेश व श्री नवदीप सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, शिमला हिमाचल प्रदेश सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे । गोष्ठी का संचालन श्रीमती शाहजहां जावेद खान, पुलिस अधीक्षक, कार्मिक, उत्तराखण्ड द्वारा किया गया ।