राजभवन में अब ऑनलाइन मिलेगा गेट पास और अपाइंटमेंट
राजभवन के लिए एआई आधारित स्मार्ट ओटोमेशन सिस्टम शुरू
देहरादून। राज्यपाल ने राजभवन के लिए एआई आधारित स्मार्ट ओटोमेशन सिस्टम का शुभारंभ किया। इसके अंतर्गत पहले चरण में ऑनलाइन गेट पास सिस्टम, ऑनलाइन अपाइंटमेंट तथा ई-इनविटेशन सिस्टम शुरू किया गया है।
इस प्रक्रिया में राजभवन में आने वाले आगंतुक राजभवन की वेबसाइट पर जाकर कहीं से भी ऑनलाइन अप्लाई कर सकेंगे। गेट पर पहुंचते ही वहां लगा कैमरा उनकी पहचान करेगा जिसके आधार पर वे राजभवन आ सकेंगे। इसके अलावा विभिन्न राजकीय समारोह में राजभवन में आमंत्रित किए जाने वाले महानुभावों को ई-इनविटेशन प्रेषित किया जाएगा, जिसे गेट में दिखाकर वे राजभवन में प्रवेश कर सकेंगे। वरिष्ठ तकनीकी निदेशक संजय गुप्ता ने स्मार्ट ऑटोमेशन सिस्टम के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया।
मंगलवार को राजभवन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित कार्यशाला आयोजित की गई। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने इस कार्यशाला में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने राजभवन इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम का शुभारंभ किया। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान समय में तकनीक को अपनाना बेहद जरूरी है। तकनीक को न अपनाये जाने से हम विकास की दौड़ में पीछे रह सकते हैं। नवीन तकनीकों के माध्यम से जहां कार्यों में पारदर्शिता बढे़गी वहीं व्यक्ति की जवाबदेही भी बढ़ जाएगी।
यूटीयू द्वारा तैयार किए गए इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम में राजभवन देहरादून और राजभवन नैनीताल में अवस्थित चीजों(इन्वेंट्री) के लिए क्यूआर कोड तैयार किया गया है। क्यूआर कोड को स्कैन करने पर उस सामान या इन्वेंट्री की पूरी जानकारी आ जाएगी। इसमें गृह अधिष्ठान अवार्ड, आईटी सेक्शन, लाइब्रेरी, पीडब्लूडी विद्युत एवं सिविल में उपलब्ध इन्वेंट्री को शामिल किया गया है। इससे उस सामान के लाए जाने से लेकर निष्प्रयोज्य होने तक की जानकारी उपलब्ध होगी। कुलपति यूटीयू ओंकार सिंह ने इन्वेन्टरी मैनेजमेंट सिस्टम के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।
कार्यशाला में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन उत्तराखंड विषय पर यूपीईएस के प्रो. संजीव ने अपना प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि शिक्षण गतिविधियों में एआई का प्रयोग कर शिक्षण को और रूचिकर व सुगम बनाया जा सकता है। यूपीईएस के प्रो. प्रिया रंजन द्वारा रोबोटिक्स के प्रयोग और उसके लाभ के बारे में जानकारी दी गई। कार्यशाला में यूपीईएस के प्रो. मुत्तुकुमार, प्रो. आर एस अय्यर और डॉ पद्मा ने एआई के विकास और गर्वनेंस में इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला।