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पूर्व मंत्री हरक की करीबी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राणा ने कांग्रेस छोड़ी

ई़डी की कार्रवाई के दौरान कांग्रेस पदाधिकारियों के सहयोग न देने से नाराजगी

देहरादून। रुद्रप्रयाग की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और 2017 में कांग्रेस के टिकट पर रुद्रप्रयाग से विधानसभा चुनाव लड़ीं लक्ष्मी राणा ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा को भेजे अपने इस्तीफे में राणा ने कहा कि संकट के समय कांग्रेस के किसी भी पदाधिकारी ने उनका साथ नहीं दिया, जबकि उन्होंने अपना पूरा जीवन कांग्रेस की मजबूती के लिये समर्पित कर दिया। इस कारण से वह कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रही हैं। लक्ष्मी राणा कांग्रेस नेता हरक रावत की करीबी मानी जाती हैं। पिछले महीने हरक के साथ ही लक्ष्मी राणा के ठिकानों पर भी ईडी ने छापेमारी की थी, इस दौरान कोई भी कांग्रेसी उनको सहयोग देने के लिए आगे नहीं आया, इस कारण से उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया।

राणा ने पीसीसी अध्यक्ष को भेजे इस्तीफे में कहा कि  हैं। इसके पीछे उन्होंने हलमैं वर्ष 1998 में उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री रही। 1997 से 2001 तक कांग्रेस से ब्लॉक प्रमुख जखोली रही। वर्ष 2002 से 2007 तक उपभोक्ता फोरम की सदस्य रही। 2014 से 2019 तक कांग्रेस से जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग रही। 2017 में रुद्रप्रयाग विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रही, 2018 से अब तक कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री हूं।

उन्होंने कहा कि हाल ही में मेरे घर और प्रतिष्ठान पर राजनीतिक द्वेष के चलते ईडी की छापेमारी हुई। हालांकि मैं जानती हूँ ये एक कानूनी प्रक्रिया है, किंतु पार्टी की तरफ से मेरे खिलाफ हुए इस राजीनीतिक द्वेष के बारे में ना कोई प्रतिक्रिया आई ना ही किसी ने मुझे इस दुःख की घड़ी में कोई ढांढस बंधाया। मैंने अपने जीवन के 27 साल से ज्यादा समय कांग्रेस परिवार की मजबूती के लिए कार्य किया। मैने उत्तराखंड के दूर दराज के पहाड़ी जिलों में हजारों महिलाओं और युवाओं को रात दिन मेहनत करके पार्टी में जोड़ने प्रयास किया। मैने मेरे जीवन का महत्वपूर्ण समय अपने, कांग्रेस परिवार की मजबूती के लिए समर्पित किया।  किंतु आज मेरे कठिन समय में मेरे कांग्रेस परिवार के किसी भी जिम्मेदार पदाधिकारी ने मेरा साथ नहीं दिया। बहुत चिंतन करने के बाद मैंने अत्यंत आहत होकर दुखी मन से निर्णय लिया कि जिस कांग्रेस परिवार के सुख दुख में मैने अपना जीवन खपाया उस कांग्रेस पार्टी में रहने का कोई औचित्य नही है, इसलिए मैं आज दुखी मन से कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रही हूँ। हालांकि अब उनका राजनीतिक कदम क्या होगा, इस बारे में उन्होंने खुलासा नहीं किया।

 

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