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ईमानदारी, स्वच्छ, बेदाग छवि और सामाजिक सेवा त्रिवेंद्र का मजबूत राजनीतिक आधार

टिकट मिलने के बाद हरिद्वार संसदीय क्षेत्र में त्रिवेंद्र का पहला रोड शो अभूतपूर्व

देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पार्टी के प्रति निष्ठा, कर्मठता और राजनीति व सामाजिक जीवन में ईमानदारी और उनकी स्वच्छ, बेदाग छवि की बदौलत भाजपा हाईकमान ने उन्हें हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सेवा का मौका दिया है।  प्रत्याशी घोषित होने के बाद उन्होंने कहा कि हरिद्वार क्षेत्र का विकास उनकी प्राथमिकता रहेगी। पार्टी हाईकमान से मिलने के बाद उन्होंने लोकसभा क्षेत्र में रोड शो निकाला, वह रोड शो हरिद्वार के इतिहास में अभूतपूर्व माना जा रहा है। इस रोड शो में उमड़ा लोगों का हुजूम बताता है कि इस बार हरिद्वार से त्रिवेंद्र रिकार्ड मतो से विजयी होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों को मजबूत करेंगे।

त्रिवेंद्र सिंह रावत छात्र से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे। मास्टर आफ जर्नलिज्म की डिग्री लेकर भी उन्होंने सामाजिक जीवन को अपने जीवन को अपना आधार बनाया। उन्होंने प्रचारक रहते हुए न केवल पूरे उत्तराखंड का भ्रमण कर यहां की कठिन जीवन को जिया, बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश और देश के कई हिस्सों में घूम घूम कर उन्होंने सामाजिक कार्यों के साथ संघ की विचारधारा और सोच को मजबूती से जनता के बीच प्रसारित किया।

वर्ष 2002 में उनके न चाहते हुए भी भाजपा ने उन्हें राजनीति की मुख्य धारा में काम करने का मौका दिया। वे डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने। उनकी साफ और स्पष्ट छवि और ईमानदारी की जनता भी कायल है। जनता ने दोबारा से उन्हें 2007 और फिर 2017 के विधानसभा चुनाव में डोईवाला क्षेत्र से भारी मतों जीत दिलाकर उत्तराखंड विधानसभा में क्षेत्र की जनता की सेवा का मौका दिया। पार्टी ने भी उनकी जनता में लोकप्रियता, स्वच्छ और ईमानदार छवि और लोकहित को देखते हुए उन्हें प्रदेश की सेवा का मौका दिया।

वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने उत्तराखंड को विकास की बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए दिन रात काम किया। प्रदेश के विकास के कई ऐसे काम किए, जो किसी न किसी कारण से बरसों से लटके हुए थे। सभी विधायकों को बिना भेदभाव के सड़को और क्षेत्र के विकास के लिए फंड उपलब्ध कराया। जिन सपनों को लेकर उत्तराखंड की नींव रखी गई, राज्य आंदोलनकारियों के उन सपनों को पूरा करने की दिशा में लगातार कार्य किया। गैरसैंण भराड़ीसैंण को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व निर्णय लिया। उनके चार साल के मुख्यमंत्री काल की अनेक उपलब्धियां हैं। महिलाओं को सम्मान देने और उनका जीवन स्तर उठाने के लिए उन्होंने अनेक फैसले लिए। पहाड़ की महिलाओं के सिर से घास का बोझ कम करने के लिए घसियारी कल्याण योजना लाई। महिलाओं को पति की संपत्ति में बराबर का हक दिलाया। उनकी योजना के बदौलत आज होम स्टे के जरिए पहाड़ की आर्थिक में बड़ा उछाल आया है।

मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होकर राजनीति में शुचिता और पारदर्शिता से जीरो टॉलरेंस की मुहिम को सार्थक कर दिखाया। मुख्यमंत्री पद का चार साल का कार्यकाल बेदाग रहा और भाजपा हाईकमान ने पुरूस्कार स्वरूप हरिद्वार लोकसभा से प्रत्याशी बनाकर कार्यकर्ताओं के दिल की इच्छा पूरी कर दी। सीएम पद से हटने के बाद भी लगातार उनका जनता से संपर्क रहा। सामाजिक कार्यों को उन्होंने अविरल जारी रखा। वृक्षारोपण, ब्लड डोनेशन कैंप, दैहिक अंग दान, स्वच्छता अभियान जैसे अनेक कार्यक्रमों के जरिए जनता लगातार उनसे जुडी रही।

त्रिवेंद्र सिंह रावत सादगी पूर्ण जीवन जीने वाले असाधारण व्यक्तित्व के धनी है। उन्होंने शैक्षिणक काल में ही संघ की पाठशाला से अनुशासन और राष्ट्रप्रेम की भावना को प्रबल किया। संगठन की सेवा करना ही अपने जीवन का संकल्प बना लिया। भाजपा ने त्रिवेंद्र की काबलियत का उपयोग समय-समय पर विभिन्न पदों की जिम्मेदारी देकर किया। भाजपा के बेहद अनुशासित सिपाही की तरह त्रिवेंद्र हर कसौटी पर पूरी तरह से खरे उतरे। उन्होंने भाजपा को हमेशा मजबूत किया और पार्टी की रीति-नीतियों को पालन किया।

त्रिवेंद्र के व्यक्तित्व को नजदीक से जानने वाले देहरादून के डॉ पीएस नेगी कहते हैं कि त्रिवेंद्र जी का वास्तविक जीवन में सामाजिक है। समाज की सेवा के लिए अनेक कार्य किए हैं। एक फौजी की तरह वो सदैव अनुशासित जीवन जीते है। त्रिवेंद्र जी अपने देवतुल्य कार्यकर्ता को साथ लेकर संगठन के कार्यो को बखूवी पूरा करते है। त्रिवेंद्र जी का यही व्यक्तित्व उनको महान बनाता है। यही कारण है कि त्रिवेंद्र ने राजनीति में ईमानदारी की एक मिशाल कायम की है। हरिद्वार से आचार्य सुधांशु बताते है कि राजनीति में क्षेत्र में त्रिवेंद्र जैसा संत दूसरा नही देखा। ईमानदारी, अनुशासन और कर्मठता उनका गहना और उनकी ताकत है। वह सच बोलना पसंद करते है। जिसके कारण कई बार उनके राजनैतिक मित्र भी नाराज हो जाते है। लेकिन पीठ पीछे त्रिवेंद्र की ईमानदारी की तारीफ करना नही भूलते। ऐसे नेता को टिकट देकर भाजपा हाईकमान ने हरिद्वार लोकसभा सीट पर उपयुक्त व्यक्ति को सेवा का मौका दिया है।

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