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एशिया के पहले कृषि विवि के उत्थान और पुनर्निर्माण के लिए सरकार प्रतिबद्ध

पं० गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि के दैनिक वेतनभोगी कार्मिकों के वेतन एवं अन्य समस्याओं

देहरादून। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि पं० गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का इतिहास एशिया के प्रथम विश्वविद्यालय एवं हरित क्रान्ति में अपने योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के उत्थान और पुनर्निर्माण के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में पं० गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के दैनिक वेतनभोगी कार्मिकों के वेतन एवं विश्वविद्यालय की अन्य समस्याओं के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक ली।

मंत्री ने कहा कि श्रम विभाग के नियमानुसार सरकारी उपक्रमों में कार्यरत श्रमिकों को दिये जाने वाले दैनिक वेतन के सापेक्ष जीबी पन्त विश्वविद्यालय में कार्यरत श्रमिकों का दैनिक वेतन कम है जिसकी हर पांच वर्षों में समीक्षा की जाती है। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जल्द से जल्द वेतन के संबंध में समीक्षा की जाए जिससे श्रमिकों को राहत मिल सके। कृषि मंत्री ने पं० गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के रखरखाव के लिए मांग की गई धनराशि के संबंध में अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये।

उन्होंने कहा कि विवि में शोध तथा अन्य विकास कार्यों के लिए समय-समय पर समीक्षा बैठक की जायेगी तथा बजट में शोध तथा विकास कार्यों के लिए धनराशि की व्यवस्था की जायेगी। मंत्री ने कहा कि दैनिक वेतनभोगी कार्मिकों के संबंध में गठित कमेटी का रूख सकारात्मक है तथा इस पर जल्द ही समाधान निकाला जायेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय के विकास के लिए विभाग द्वारा हर संभव प्रयास एवं सहायता देने का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर किच्छा विधायक, तिलक राज बेहड़, सचिव, उद्यान, विनोद कुमार सुमन अपर सचिव, वित, गंगा प्रसाद, वी.सी., जीबी पन्त विवि., डॉ. मनमोहन सिंह चौहान तथा अन्य  अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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