देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने दुर्गम में सेवारत कार्मिकों के लिए खुशखबरी दी है। अब दुर्गम में की गई उनकी सेवाओं को सुगम के मुकाबले ज्यादा आंकलित किया जाएगा। कार्मिक और सतर्कता विभाग की ओर से लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम-2017 की धारा क व ख में यह प्रावधान कर दिया गया है।
अपर सचिव कार्मिक व सतर्कता ललित मोहन रयाल की ओर इसका जीओ जारी किया गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि जो कार्मिक दुर्गम स्थल पर 7 हजार फीट से ज्यादा स्थान पर कार्यरत हैं उनकी एक साल की गई सेवा को सुगम के समतुल्य दो साल आंकलित किया जाएगा। इसी तरह से जो कार्मिक दुर्गम क्षेत्र में 7 हजार फीट से कम ऊंचाई पर कार्यरत हैं उनकी एक साल की सेवा को सुगम के समतुल्य एक साल 3 माह आंकलित किया जाएगा।
यानि यदि किसी कार्मिक ने दुर्गम क्षेत्र में 7 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर पांच साल कार्य किया है तो उसकी सेवा को सुगम के समतुल्य 10 वर्ष माना जाएगा। दुर्गम क्षेत्र में 7 हजार फीट से कम ऊंचाई पर कार्य करने वाले कार्मिक की आठ साल की सेवा को सुगम के मुकाबले 10 साल के समतुल्य आंकलित किया जाएगा।