उत्तराखंडदेहरादूनपर्यावरण

पर्यावरण संरक्षण के लिए निदेशक पंचायती राज की अच्छी पहल

नवनियुक्त ग्राम पंचायत विकास अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में वृक्षारोपण करें

देहरादून। निदेशक पंचायतीराज निधि यादव ने उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक अच्छी पहल की है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत वृक्षारोपण के लिए प्रदेश के सभी जिला पंचायत राज अधिकारियों को पत्र लिखा है। नवनियुक्त सभी 394 ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में वृक्ष लगवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

निदेशक पंचायतीराज निधि यादव ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए जल, जंगल व जमीन प्रमुख आधार है। पर्यावरण संरक्षण एवं बेहतर वातावरण के लिए पर्याप्त पेड़-पौधों का होना जरुरी है। पेड़-पौधे हमारे जीवन की रेखा है, जो हमें वायु प्रदूषण के खतरे से बचाते हैं। साथ ही हमें ऑक्सीजन तो देते ही हैं प्राकृतिक शीतलता प्रदान करते हैं। मिट्टी का कटाव रोकने में पेड़-पौधों की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका है।

निदेशक पंचायतीराज निधि यादव ने कहा कि विकास के मौजूदा मॉडल के कारण वर्तमान परिदृश्य में देश की आबादी का बड़ा हिस्सा स्वच्छ व सुरक्षित पानी, शौचालय और शुद्ध हवा जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से भी वंचित है। आज विभिन्न कारणों से पर्यावरण काफी प्रदूषित हो चुका है। इस दिशा में सरकार के साथ समाज को स्वच्छता और वृक्षारोपण को एक जन आन्दोलन बनाने की दिशा में पहल करनी होगी। इसके लिए समाज की सहभागिता बहुत जरुरी है। यह आम नागरिक को समझना होगा कि यदि वृक्ष ही नहीं रहेंगे तो धरती पर जीवन संकट में पड़ जायेगा।

निदेशक पंचायती राज निधि यादव ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण व जलवायु परिवर्तन के कुप्रभावों को कम करने हेतु यह निर्णय लिया गया है कि नव नियुक्त ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को ग्राम पंचायतों के आवंटन के समय उन्हें यह दिशा-निर्देश देकर प्रोत्साहित करें। आवंटित ग्राम पंचायतों में वे कम से कम एक वृक्ष अवश्य लगायें और उसके पूर्ण रूप से वृक्ष बनने तक निरन्तर देखभाल करें। जैसे-जैसे नव नियुक्त कार्मिकों की शासकीय सेवा में वृद्धि होगी, वैसे-वैसे इनके द्वारा रोपित पौधे भी वृक्ष बन जायेंगे। इस पहल से कार्मिकों का अपने कार्यक्षेत्र की पंचायतों से भावनात्मक जुड़ाव भी कायम होगा।

निदेशक, पंचायतीराज निधि यादव ने जिला पंचायत राज अधिकारियों को कहा कि इन दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराना सुनिश्चित करें, ताकि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में की गई इस पहल से सार्थक किया जा सके। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से विभाग के अंतर्गत 394 ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों के पदों पर अभ्यर्थियों के चयन की संस्तुति के क्रम में अधिकांश अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र निर्गत किये जा चुके हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button