देहरादून। आज कैंसर जैसे गंभीर रोग का इलाज संभव है। यदि इस बीमारी का पता प्रारंभिरक स्थिति में ही चल जाए, तो इसे शत प्रतिशत ठीक किया जा सकता है। विशेषज्ञों ने हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय द्वारा राजभवन में आयोजित कैंसर की रोकथाम और जागरुकता विषय पर आयोजित सेमीनार में विस्तार से इसके बारे में जानकारी दी।
विशेषज्ञों के अनुसार किसी भी प्रकार के कैंसर का इलाज संभव है अगर उसका पता शुरूआत में लग जाए। कम जागरूकता की वजह से कैंसर का पता शुरूआती चरण में नहीं लग पाता। महिलाओं में होने वाला स्तन कैंसर 30 से 40 वर्ष की उम्र में अधिक घातक होता है। डॉ. श्रीवास्तव ने स्तन कैंसर के लक्षण और विकसित विधियों द्वारा किए जाने वाले निदान और उपचार के बारे में बताया।
एम्स ऋषिकेश के डॉ. अमित शेरावत द्वारा फेफड़ों में होने वाले कैंसर के बारे में जानकारियां दी गई। उन्होंने बताया कि फेफड़ों में होने वाले कैंसर का 80 प्रतिशत से अधिक कारण धुम्रपान है। हमारी जीवनशैली भी कैंसर के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। उन्होंने धूम्रपान न करने की सलाह दी। एम्स ऋषिकेश के डॉ. स्वीटी गुप्ता और प्रो. शालिनी राजाराम ने भी कैंसर से संबंधित लक्षण एवं इससे होने वाले घातक परिणामों व इससे बचने के उपायों के बारे में अपने विचार साझा किए।
बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कैंसर एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या के रूप में लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले रही है और इससे लोगों के जीवन में अत्यन्त घातक असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कैंसर जैसी घातक बीमारी एवं इससे होने वाले नुकसान के बारे में दुरस्थ क्षेत्रों तक लोगों में जागरूकता के प्रयास किए जाए।
राज्यपाल ने कहा कि कैंसर से बचने के उपायों में हमें अपने जीवन शैली को सही रखना और संतुलित आहार करना जरूरी है। इस घातक बीमारी के प्रति हम शुरूआती चरण में लापरवाह बने रहते हैं और जब यह रोग विकट रूप लेता है तब उपचार की खोज में जाते हैं लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है। ऐसे में हम लोगों को इसकी घातक प्रवृत्ति, लक्षण, कारण और निदान के बारे में जागरूक बनना होगा। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी में बहुत से उपाय विशेषज्ञों द्वारा बताये गए हैं जिस पर सभी को अमल करना होगा।
विशिष्ट अतिथि सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा इस सेमिनार को आयोजित कराने की प्रेरणा राज्यपाल द्वारा दी गई। उन्होंने कहा कि कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम अपनी जीवनशैली में भी परिवर्तन करें जो हमें इन खतरों से बचाकर रख सके।
कुलपति एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय प्रो. हेमचंद्र ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया और इस सेमिनार में पधारने के लिए उनका धन्यवाद ज्ञापित किया। सेमिनार में कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, कुलपति आयुर्वेदिक वि.वि अरूण कुमार त्रिपाठी, कुलपति संस्कृत वि.वि प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री, कुलपति श्रीदेव सुमन वि.वि प्रो. एन.के.जोशी, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज डॉ. आशुतोष सयाना, कुलसचिव डॉ. आशीष उनियाल, सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।