दून विवि के सहयोग से होगी 21 और 22 दिसंबर को “गंगधाराः विचारों का अविरल प्रवाह” व्याख्यान माला
देहरादून। देवभूमि विकास संस्थान द्वारा दून विश्वविद्यालय के सहयोग से आगामी 21 व 22 दिसंबर को आयोजित होने वाली व्याख्यान माला ‘गंगधारा- विचारों का अविरल प्रवाह’ की तैयारियों को लेकर शनिवार को डिफेंस कालोनी स्थित आवास पर पूर्व सीएम और सांसद हरिद्वार त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में संस्थान से जुड़े कई पदाधिकारियों और सदस्यों ने प्रतिभाग किया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए पूर्व सीएम और सांसद हरिद्वार त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में पहली बार हो रहे इस तरह के बौद्धिक व्याख्यान माला कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के निमित्त वह मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मिले और उन्हें 21 दिसंबर को बतौर मुख्यमंत्री कार्यक्रम में आमंत्रित किया।
उन्होंने बताया कि अपनी तरह की पहली व्याख्यान माला को लेकर मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की। सीएम धामी ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है और इस प्रकार के आयोजन समाज को नई दिशा प्रदान करते हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने सांसद को इस सुन्दर पहल हेतु हर संभव सहयोग के लिए आश्वस्त किया। पहले दिन के व्याख्यान माला कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज का व्याख्यान होगा। स्वामी अवधेशानंद एक वैज्ञानिक भी हैं। उनका गंगा पर काफी अध्ययन है। 22 दिसंबर को चार सत्र होंगे। पलायनः समस्या और समाधान विषय पर बौद्धिक मंथन होगा। भारतीय शिक्षा पर प्रो.डा. सुरेखा डंगवाल, जलवायु परिवर्तन पर प्रो. एसपी सिंह और महानिदेशक एफआरआई अरुण रावत अपने विचार साझा करेंगे। केरल के राज्यपाल आऱिफ मो. खान का भी व्याख्यान माला में बतौर मुख्य अतिथि व्याख्यान होगा।
आपको बता दें कि सांसद रावत देवभूमि विकास संस्थान के संरक्षक हैं और इस संस्थान द्वारा विगत बर्षों अनेकों सामाजिक कार्य किए हैं जिसमें प्रदेश की नदियों के पुनर्जीवीकरण , वृक्षारोपण , रक्तदान शिविर , नेत्रदान, अंगदान आदि जैसे कार्य शामिल हैं। संस्थान का मुख्य उदेश्य समाज को खुशहाल रखना और लोगों की मदद करना है। इस बार संस्थान ने एक नई पहल की है।
पूर्व सीएम व सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि व्याख्यान माला के संस्थान के विजन को “गंगधारा – विचारों का अविरल प्रवाह” के जरिये लोगों तक पहुँचाना है। जिसमें जलवायु परिवर्तन , शिक्षा संस्कृति एवं विकास- भारतीय चिंतन , पलायनः समस्या और समाधान, हिमालयी क्षेत्र की चुनौतियों जैसे अति संवेदनशील मुद्दों पर ध्यान केंद्रित रहेगा। संस्थान की ओर से यह एक शुरुआत है जिसे हर वर्ष जारी रखा जाएगा।
गौरतलब है कि सांसद व पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने राजनीति के इतर विगत वर्षों में सामाजिक कार्यों के जरिये अपनी एक अलग पहचान बनाई है। चाहे नदियों को पुनर्जीवित करने के उनके प्रयास हों, प्रदेश भर में वृहद वृक्षारोपण करवाना हो , रक्तदान शिविर के चलते हजारों रक्त यूनिट एकत्रिक करवाना हो, नेत्रदान अंगदान जैसे जीवनदायिनी कार्य हों, उन्होंने हमेशा ही जनता, पर्यावरण की पीड़ा को स्वयं की पीड़ा समझते हुए कार्य किया। उनका स्पष्ट कहना है कि आज हर व्यक्ति को स्वयं को जगाने की जरुरत है तब जाकर समाज जागेगा और एक खुशहाल समाज बने।
बैठक में संस्थान के सचिव सत्येंद्र नेगी, विधायक डोईवाला बृजभूषण गैरोला, पूर्व ब्लाक प्रमुख खेमराज, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा शमशेर सिंह पुंडीर, पूर्व दर्जाराज्यमंत्री राजेश शर्मा, पूर्व विधायक मुकेश कोली, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य सुमेर चंद रवि, अशोक राज पंवार, यूएस रावत, दीपक भट्ट, रणजीत भंडारी, पृथ्वीराज चौहान, पंकज मैसोन समेत अनेक सदस्य मौजूद रहे।