होप प्रोजेक्ट स्कूल में यूपीएचसी रीठामंडी ने लगाया था शिविर
देहरादून। मद्रासी कालोनी स्थित होप प्रोजेक्ट स्कूल में आयरन फोलिक एसिड की खुराक लेने से 18 बच्चों की तबीयत बिगड़ने से उन्हें उल्टी, पेट दर्द और चक्कर की शिकायत होने लगी। बड़ी संख्या में बच्चों की तबीयत बिगड़ने से स्कूल प्रशासन के हाथ पांव फुल गए। अभिभावकों को इसकी जानकारी दी गई। बच्चों को ई-रिक्शा व निजी वाहनों से दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय भर्ती किया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। अब बच्चों की स्थिति को सामान्य बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) रीठामंडीकी ओर से स्कूल में शिविर लगाया गया था। जिसमें बच्चों को आयरन फोलिक एसिड सिरप पिलाया गया। दवा पीने पर एकसाथ कई बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। जिन्हें अस्पताल ले जाया गया। दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में इमरजेंसी इंचार्ज डा. मुकेश उपाध्याय व बाल रोग विशेषज्ञ डा. गौरव मुखिजा ने बच्चों ने उन्हें उपचार दिया। डा. उपाध्याय ने बताया कि बच्चों में कोई गंभीर लक्षण नहीं थे। दवा के साइड इफेक्ट होते हैं। कुछ लोगों में दवा लेने से साइड इफेक्ट होते हैं, जबकि कुछ में नहीं दिखते हैं। बच्चों को इंजेक्टेबल के साथ ही ओआरएस का घोल पिलाया गया। करीब एक घंटा बाद उन्हें घर भेज दिया गया। किसी भी बच्चे को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है।
इस बीच घटना की खबर लगने पर निवर्तमान महापौर सुनील उनियाल गामा, पूर्व काबिना मंत्री दिनेश अग्रवाल, कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, महानगर मंत्री आदर्श सूद, धर्मपुर ब्लाक अध्यक्ष ललित भद्री, पूर्व पार्षद अनूप कपूर, पूभी अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। दूसरी ओर, अभिभावकों ने स्कूल की कार्यशैली पर सवाल उठाए। अभिभावक रिंकू ने कहा कि इस तरह के मामलों में माता-पिता की सहमति ली जानी चाहिए। बिना सहमति दवा देना गलत है। यह भी आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन ने अभिभावकों को घटना की जानकारी देरी से दी। उन्होंने इसे सामान्य तौर पर लिया। इस तरह की लापरवाही से समस्या बड़ी हो सकती है।
, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. संजय जैन का कहना है कि मामले की जानकारी ली जा रही है। उन्होंने बताया कि आयरन, फालिक एसिड और कृमिनाशक दवा के सेवन से बच्चों को अस्थाई तौर पर हल्का पेट दर्द, चक्कर आना, उबकाई आना, जी मचलना और थकान आदि की समस्या आ सकती है। ऐसी स्थिति में घबराएं नहीं। कहा कि बच्चों को दवा का सेवन खाली पेट नहीं कराया जाना चाहिए।