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7 दिन से मौत से जूझ रही हैं सुरंग में फंसी 41 जिंदगियां

सिलक्यारा टनल में फंसे लोगों को अब तक नहीं निकाल सकी तमाम बड़ी कोशिशें

देहरादून। उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सात दिन बाद भी केंद्र और राज्य सरकार की तमाम विशेषज्ञ एंजेसियां इन लोगों को बाहर नहीं निकाल सकी हैं। अभी भी रेस्क्यू कार्य में लगे अधिकारी यह बताने में सक्षम नहीं है कि कब वे अपने मिशन में कामयाब होंगे। हालांकि देश-दुनिया की टनल से संबंधित एजेंसियां और उनके परामर्श पर लाई जा रही आधुनिक तकनीक भी अभी तक मददगार साबित नहीं हो सकी है। इससे भारत में टनल विशेषज्ञों की क्षमता के साथ ही उनके सुरक्षा इंतजामों पर कई तरह से सवाल खड़े हो रहे हैं।

दीपावली पर्व के दिन 12 नवंबर को जब देश-विदेश में रोशनी का पर्व दीपावली मनाया जा रहा था, टनल में फंसी 41 जिंदगियों के परिवार के जीवन में उस दिन शुरु हुआ अमावश का अंधेरा सात दिन बाद भी नहीं छंटा। इसके कारण इन परिवारों के घरों में दीपावली की रोशनी नहीं जली। इनके परिजनों की दीपावली अब उनके सुरक्षित बाहर होने के बाद ही मनेगी।

आश्चर्य की बात है कि केंद्र और राज्य सरकार के साथ ही विदेशी टनल एजेंसियों की मदद भी अब तक 41 जिंदगियों को टनल से बाहर निकालने में कामयाब नहीं हो सकी है। यह जरूर है कि केंद्र सरकार टनल में फंसी जिंदगियों को बाहर निकालने के लिए राज्य सरकार और एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को पूरा सहयोग कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार टनल में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में काफी सावधानी के साथ कार्य किया जा रहा है। इसमें देश ही नहीं विदेश के टनल विशेषज्ञ लोगों की मदद ली जा रही है। दूसरी ओर, टनल निर्माण में लापरवाही की बात भी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि इसी लापरवाही के चलते 41 जिंदगियां अभी तक जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार इस घटना का अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग रेस्क्यू कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पीएमओ के मार्गदर्शन में राज्य सरकार सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को सकुशल निकालने के प्रयास में जुटी है। सुरंग में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए देश और दुनिया में ईजाद की गई  आधुनिक तकनीक की मदद ली जा रही है। उम्मीद हैं कि जल्द इसमें सफलता मिल जायेगी।

मुख्यमंत्री ने आज शासकीय आवास पर अधिकारियों के साथ श्रमिकों के बचाव के लिए चल रहे रेस्क्यू कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही बाधाओं से निपटने के लिए हर आवश्यक कदम उठाये जाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी लगातार बचाव अभियान का अपडेट लिया जा रहा है। ऐसे में ग्राउंड जीरो पर जो भी रेस्क्यू कार्य किया जा रहा है, अधिकारी एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय बनाकर समय पर अंजाम तक पहुंचाएं। रेस्क्यू कार्य के लिए जिन संसाधनों की जरूरत हैं, उनको तत्काल एजेंसियों को मुहैया करा कर तेजी से कार्य कराएं। सरकार की प्राथमिकता में श्रमिकों को सुरक्षित और समय पर बाहर निकालना है।

श्रमिकों और परिजनों के साथ सरकार खड़ी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मुसीबत में फंसे श्रमिकों के परिजनों के साथ सरकार खड़ी है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वह सभी परिजनों को रेस्क्यू की हर पल की जानकारी देते रहें। इसके अलावा सिलक्यारा पहुंचे परिजनों के लिए भी सहायता केंद्र खोलने और उनके रहने-खाने की जरूरत के हिसाब से मदद की जाए।  उन्होंने कहा कि विपदा की इस घड़ी में परिजनों को धैर्य बनाये रखने की जरूरत है। सरकार हर वक्त उनके साथ खड़ी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि  सिलक्यारा सुरंग आपदा से निपटने के लिए देश और दुनिया में चले पुराने सुरंग रेस्क्यू के अनुभवों के आधार पर कार्य किए जा रहे हैं।  इसके लिए अधिकारी पड़ोसी राज्य हिमचाल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर समेत दुनिया के कई देशों में सुरंग निर्माण और आपदा के बाद हुए रेस्क्यू की तकनीकी को अपना रहे हैं। पीर पंजाल, अटल सुरंग, भंवर टोंक, सँगलदान जैसी बड़ी सुरंग निर्माण और लूज गिरने के बाद रेस्क्यू की जानकारी जुटाई जा रही है। इसी के अनुसार रेस्क्यू टीम श्रमिकों को बाहर निकालने के प्रयास में जुटी हैं।

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