उत्तरकाशीउत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसाउत्तराखंड

सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने में अभी और समय लगेगा

सीएम और एसीएस लगातार रेस्क्यू आपरेशन का ले रहे हैं अपडेट

देहरादून। उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे कई राज्यों के श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में अभी कुछ और समय लग सकता है। बाएं और दाएं दोनों तरफ शीर्ष से 10 मीटर ऊपर गुफा बन गई है। सुरंग के साथ चिमनी का निर्माण शुरू हो गया है। स्टील पाइप को सफलतापूर्वक पुश करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा कार्य की प्रगति की निगरानी की जा रही है।

एसीएस राधा रतूड़ी ने सचिवालय स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष में पहुंचकर उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आज सचिवालय स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष में पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन की अद्यतन स्थिति एवं टनल में फंसे श्रमिकों की कुशलक्षेम की जानकारी ली।

आपदा नियंत्रण कक्ष में सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को जानकारी दी गई कि ढही हुई सुरंग के 40 मीटर के लिए शॉटक्रेटिंग के साथ खुदाई का कार्य प्रगति पर है।  अतिरिक्त शॉटक्रीट मशीन को आरवीएनएल पैकेज-प्प्प् से कार्य स्थल पर स्थानांतरित किया गया है। प्राधिकरण अभियंता, टीम लीडर, आरवीएनएल से भूवैज्ञानिक निदेशक, एनएचआईडीसीएल के निदेशक (ए एण्ड एफ), निदेशक (टी)  और कार्यकारी निदेशक (टी) और तथा सीजीएम, एनएचएआई के भू-तकनीकी विशेषज्ञों ने ढहने वाली जगह का समय-समय पर दौरा किया है। सभी विकल्पों पर विचार के परिणामस्वरूप जो विकल्प कार्यान्वयन के अधीन है उसके तहत अंदर फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए हाइड्रोलिक जैक की मदद से 900 मिमी व्यास वाले एमएस स्टील पाइप को धक्का देना।

अधिकारियों ने बताया कि सुरंग के अंदर फंसे कार्यबल के पास पानी, भोजन, ऑक्सीजन, बिजली सभी उपलब्ध हैं, छोटे भोजन के पैकेट भी संपीड़ित हवा के साथ एक पाइप के माध्यम से सुरंग के अंदर भेजे गए हैं। श्रमिकों द्वारा खाद्य सामग्री प्राप्त होने की पुष्टि की गई है। श्रमिकों द्वारा बताया गया है कि वे सभी फंसे हुए श्रमिक सुरक्षित हैं।

शुक्रवार सुबह 9ः30 बजे तक 22.0 मीटर पाइप पुशिंग का काम पूरा हो चुका है।  पांचवें पाइप की पॉजिशनिंग का कार्य प्रगति पर है। एनएचआईडीसीएल के  निदेशक (ए एंड एफ), निदेशक (टी), कार्यकारी निदेशक (पी) और बीआरओ, एनएचएआई,  आरवीएनएल, राइट्स, भारतीय रेलवे, यूएसबीआरएल, इरकॉन, केआरसीएल, प्राधिकरण के इंजीनियर, मेसर्स नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड, एसजेवीएनएल के विशेषज्ञ  और डिज़ाइनर मेसर्स बर्नार्ड बचाव अभियान की नज़दीकी निगरानी एवं श्रमिकों की जल्द निकासी के लिए साइट पर मौजूद हैं।

 

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