देहरादून। उत्तराखण्ड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने भाजपा की राज्य सरकार पर विपक्षी दल के चुने हुए जनप्रतिनिधियों के साथ लगातार सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कभी विपक्षी दल के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को साम-दाम-दंड-भेद की नीति से पदच्युत कर रही है तो कभी उनके निर्वाचित क्षेत्रों में विकास की योजनाओं पर रोक लगा कर सौतेला व्यवहार कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी के माध्यम से जारी बयान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि प्रदेश सरकार निम्न स्तर की राजनीति पर उतर आई है। माहरा ने कहा कि किसी भी प्रदेश की चुनी हुई सरकार तथा उसके मुखिया के लिए सभी क्षेत्र एक समान होने चाहिए, परन्तु उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार विकास योजनाओं की स्वीकृति जारी करने से पहले देख रही है कि यहां पर भाजपा का जनप्रतिनिधि है या कांग्रेस का। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब विकास का पैमाना सत्ताधारी दल का जनप्रतिनिधि होना अनिवार्य माना जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पिथौरागढ़ विधायक मयूख महर द्वारा अपने क्षेत्र की जनहित की मांगों को लेकर आन्दोलन पर कहा कि इससे अधिक शर्म की बात क्या हो सकती है कि प्रदेश में विपक्षी दल के चुने हुए जनप्रतिनिधियो को अपने क्षेत्र में जनहित की योजनाओं के लिए आन्दोलन एवं धरने का सहारा लेना पड़ रहा है।
चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष, उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उधमसिंहनगर में विपक्षी दल के ब्लाक प्रमुख की बर्खास्तगी इसकी बानगी मात्र है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा जिस प्रकार केन्द्र की भाजपा सरकार विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग करती आ रही है, उसी प्रकार राज्य में विपक्षी दल के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के क्षेत्रों में विकास कार्यों पर रोक लगाकर भाजपा की राज्य सरकार द्वारा उन्हों लगातार प्रताडित किया जा रहा है। कांग्रेस मांग करती है कि सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के क्षेत्रों में समान रूप से विकास की योजनाएं स्वीकृत की जांय अन्यथा कांग्रेस को जनता के साथ सड़क पर उतरकर आन्दोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।