देहरादून। चालू वित्तीय वर्ष में नाबार्ड ने प्रदेश सरकार से मिले 907.93 करोड़ के प्रस्ताव के सापेक्ष 501.20 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। लेकिन विभागों ने 900 करोड़ के सापेक्ष अब तक केवल 272.82 करोडत़ का ही डिस्बर्शमेंट किया है। इस पर मुख्य सचिव एसएस संधू ने गहरी नाराजगी जताई है।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में विभिन्न विभागों द्वारा नाबार्ड से ऋण के लक्ष्यों के सम्बन्ध में समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि स्वीकृत प्रस्तावों के सापेक्ष विभागों द्वारा डिस्बर्शमेंट की प्रगति संतोषजनक नहीं है। सभी विभागों को इसमें तेजी लाने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने नाबार्ड को भी प्रस्तावों की स्वीकृति में तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों के सचिवों एवं विभागाध्यक्षों को ऋण वितरण एवं अदायगियों में तेजी लाने के लिए साप्ताहिक समीक्षाएं किए जाने के निर्देश दिए। अच्छे प्रस्ताव लगातार तैयार कर प्रस्ताव वित्त को भेजे जाने के साथ ही डीपीआर नाबार्ड को भी भेज दी जाए, ताकि समय पर नाबार्ड की भी संस्तुति मिल सके। उन्होंने प्रत्येक सप्ताह और पाक्षिक रूप से प्रस्तावों की लगातार मॉनिटरिंग किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पीएम गति शक्ति उत्तराखण्ड पोर्टल पर भी लगातार अपडेट किए जाने के निर्देश दिए।
बैठक में सचिव श्री दिलीप जावलकर ने बताया कि नाबार्ड से लिए जाने वाले 1090 करोड़ के ऋण के लक्ष्य के सापेक्ष विभागों ने 907.93 करोड़ के प्रस्ताव नाबार्ड को भेज दिए हैं, नाबार्ड ने 501.20 करोड़ के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।
इस अवसर पर सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, श्री दीपेन्द्र कुमार चौधरी, श्री एस.एन. पाण्डेय, अपर सचिव श्री सी. रविशंकर एवं श्री विनीत कुमार सहित विभागों के विभागाध्यक्ष एवं उच्चाधिकारी उपस्थित थे।